श्री दुर्गा स्तुति प्रसिद्ध भेंट माता जी की – Chaman Lal Bhardwaj | Shree Durga Stuti
यह पोस्ट Chaman Lal Bhardwaj द्वारा रचित श्री दुर्गा स्तुति – प्रसिद्ध भेंट माता जी की का हिंदी पाठ प्रस्तुत करती है। यहाँ केवल मूल भेंट का हिंदी पाठ दिया गया है; अर्थ/अनुवाद शामिल नहीं हैं।
This post presents the Hindi text of Shree Durga Stuti – the famous “Bhent Mata Ji Ki” by Chaman Lal Bhardwaj. Only the original Hindi lyrics are included here; no translation or explanation.
श्री दुर्गा स्तुति
लेखक / स्रोत: Chaman Lal Bhardwaj
यहाँ केवल हिंदी स्तुति का पाठ दिया गया है। अर्थ/अनुवाद शामिल नहीं
हैं।
॥ प्रसिद्ध भेंट माता जी की ॥
मैय्या जगदाता दी कह के जय माता दी।
तुरया जाव, देखीं पैंडे तों न घबरावीं।
पहला दिल अपना साफ बना लै।
फेर मैय्या नं अर्ज सुना लै।
मेरी शक्ति वधा मैनू चरणा च ला।
कैंहदा जावीं, देखी पैडे तो न घबराव । मैय्या
औखी घाटी ते पैंडा अवलड़ा।
ओदी श्रद्धा दा फड़ लै तू पलड़ा।
साथी रल जानगे, दुखड़े टल जानगे।
भेंटा गांवी, देखी पेंडे तो न घबराव । मैय्या
तेरा हीरा जन्म अनमोला।
मिलना मुड़ मुड़ न मानुष दा चोला।
धोखा न खा लवीं दाग न ला लवीं।
बचदा जावीं,देखी पैडे तों न घबरावीं। मैय्या
पहला दर्शन है कौल कन्दौली।
दूजी देवा ने भरनी है झोली।
आद कंवारी नूं जगत महतारी नूं।
सिर झुकावीं देखी पेंडे तो न घबरावीं । मैय्या
ओहदे नाम दा लै के सहारा।
लंघ जायेंगा पर्वत एह सारा।
देखीं सुन्दर गुफा, 'चमन' जै जै बुला।
दर्शन पावीं, देखीं पैडे तो न घबरावीं। मैय्या
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