Banke Bihari Temple Vrindavan - History, Miracles & Timings
बांके बिहारी मंदिर वृंदावन: इतिहास, चमत्कार और दर्शन समय
दर्शन समय
Summer: 16th Mar - 2nd Nov
EVENT | MORNING | EVENING |
---|---|---|
Mandir Open | 07:45 AM | 05:30 PM |
Shringar Aarti | 08:00 AM | |
Bhog | 11:00 - 11:30 AM | 08:30 - 9:00 PM |
Aarti & Closing | 12:00 Noon | 9:30 PM |
Winter: 3rd Nov - 15th Mar
EVENT | MORNING | EVENING |
---|---|---|
Mandir Open | 08:45 AM | 04:30 PM |
Shringar Aarti | 09:00 AM | |
Bhog | 12:00 Noon - 12:30 PM | 07:30 - 08:00 PM |
Aarti & Closing | 01:00 PM | 08:30 PM |
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के समर्पण का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल अपनी आध्यात्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी स्थापत्य कला, अनूठी परंपराओं और चमत्कारी मूर्ति के कारण भी विश्वभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
मंदिर का इतिहास और स्थापना
बांके बिहारी मंदिर की स्थापना 1862 ईस्वी में हुई थी। इसका निर्माण स्वामी हरिदास जी के वंशजों द्वारा कराया गया। स्वामी हरिदास जी, जो तानसेन के गुरु भी थे, निधिवन में भजन करते समय राधा-कृष्ण की युगल मूर्ति का प्राकट्य हुआ। यह मूर्ति त्रिभंग मुद्रा में है, जो भगवान कृष्ण की प्रिय मुद्रा मानी जाती है।
मूर्ति का रहस्य
मूर्ति अत्यंत चमत्कारी मानी जाती है। मान्यता है कि राधा-कृष्ण स्वयं मूर्ति में विराजमान हैं। इसीलिए दर्शन के दौरान पर्दा बार-बार डाला जाता है ताकि भक्त सीधे उनकी आँखों में न देख सकें।
पूजा विधि और अनूठी परंपराएं
- मंगला आरती केवल जन्माष्टमी पर होती है।
- शरद पूर्णिमा पर बंसी धारण करवाई जाती है।
- श्रावण तीज पर झूला सजता है।
- अक्षय तृतीया पर चरण दर्शन होते हैं।
प्रमुख उत्सव
यहाँ जन्माष्टमी, होली, झूलन उत्सव, शरद पूर्णिमा और अक्षय तृतीया विशेष रूप से मनाए जाते हैं। होली पर मंदिर पाँच दिन रंगों से गूंजता है और भक्त भी भगवान के साथ होली का आनंद लेते हैं।
मंदिर की वास्तुकला
मंदिर राजस्थानी शैली में निर्मित है, जिसकी दीवारों और स्तंभों पर सुंदर नक्काशी की गई है। गर्भगृह और मुख्य द्वार अत्यंत भव्य हैं।
मंदिर का स्थान और पहुंच
मंदिर वृंदावन (मथुरा, उत्तर प्रदेश) में स्थित है। वृंदावन रेलवे स्टेशन से यह 1.5 किमी दूर है। आगरा हवाई अड्डा लगभग 70 किमी दूर है। मथुरा से ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा उपलब्ध हैं।
दोपहर में मंदिर विश्राम हेतु बंद रहता है।
निष्कर्ष
बांके बिहारी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी है। यहाँ की परंपराएं, उत्सव और दिव्य मूर्ति हर भक्त को प्रभु से जोड़ने का माध्यम बनती हैं। यदि आप वृंदावन की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस मंदिर का दर्शन अवश्य करें।
अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें।
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